Nirvaan Babbar

Nirvaan Babbar Poems

LIFE IS BEAUTIFUL, AS ALWAYS IT IS,
LIFE DOES MAKE A LOT OF SENSE,
WE GET SORROWS ALL THE WAY,
TROUBLES ARE THERE TO HALT OUR WAY,
...

अपने निश्चय को तू पक्का कर,
हर अर्जित शक्ति को तू, अपना कर,
हर मुश्किल से तू आखें मिला,
ना सर को झुका, ना तू घुटने टेक,
...

I BELIEVE IN, WHAT I AM,
NEVER EVEN THOUGHT, WHAT I AM NOT,
WHAT I AM, IT IS ME FOR ALL,
NO ONE KNOWS, WHAT I AM NOT,
...

THINK BEYOND HORIZON

WHY WE FEEL THERE IS A LIMIT,
LET US OVERFLOW THE BUCKET OF DREAMS,
...

बे - अदब, लोग हम को मिलते है,
तोड़ देते है दिल पल ही पल मैं और कहते हैं, इश्क़ करते हैं,

बे - सबब, आज कल उदास रहते हैं,
...

भय क्यों है, मृत्यु का, एक दिन तॊ प्रस्थान है,
वृक्ष सामान इस जीवन को, इक दिन सूख ही, जाना है, ये तो सूख ही जाएगा,

आत्मा थी अक्षय, अक्षय है आत्मा, आत्मा अक्षय ही रहेगी,
...

क्या मेरा वतन, मेरा कश्मीर नहीं था,
क्या मेरा अहम, मेरा कश्मीर नहीं था,
क्या मेरी जान, मेरा कश्मीर नहीं था,
क्या मेरा ज़हन, मेरा कश्मीर नहीं था,
...

सोती थी वो, जो कलियों पर,
वो जो फूलों पे, विचरण करती थी,

मासूम सी वो, जूही की कली,
...

क्या सोचा है कभी, कि आखिर प्यार क्या है,

प्यार अगर सोच है तो, इस सोच का विस्तार क्या है,
प्यार अगर दर्द है तो, आखिर इसका उपचार क्या है,
...

O my sweet baby,
With your skills and with your cute acts,
You have captured my heart,
You are truly mine,
...

अनंत अपार है दृष्टिकोण,
श्रितिज तो बस शुरुवात है,

हम तो बस एक तीर हैं,
...

प्रेम सुधा, तो पी ली तुमने, मदमस्त पवन सा, स्वयं को कर डालो,
अब तो हृदय से, विचार, विचारों,

जीवन जिसमें गरल मिला है, उसको अब, अमृत कर डालो,
...

आज फिर दुनिया की जीत हुई और किस्मत से मेरी हार हुई,
ऐ ज़िन्दगी ये इक बार नहीं, कुदरत से ये हर बार हुआ,

टूटा तार अम्बर से जो, धरती तक पहुँचकर ख़ाक हुआ,
...

आकाश से टूटे तारों को, लोग क्यों,
किस्मत के तारे कहतें हैं,

बरखा के मौसम मैं क्यों कुछ लोग,
...

मैं एक वृक्ष का, सूखा पत्ता हूँ,
तेज़ पवन के झोकें से, टूट धरा पे आ गिरा,

कभी इधर गिरा, कभी उधर उड़ा,
...

हम कोन हैं क्या हैं हम, चलो कुछ विचार करें,
अपने ही विचारों की थाह थामें, आज ये विचार करें,

विचार अपने हैं, हिमालय, याँ रेत, याँ गंग धार हैं,
...

जो सच है, उस सच को छुपाएँ कैसे,
सहा ज़ुल्म तो, ज़ुल्मत के निशाँ छुपाएँ कैसे,

वक़्त के साहिल पे बैठे, चाल वक़्त की देखा किए,
...

ना हम बुज़दिल हैं, ना बुज़दिल थे कभी,
फिर भी ना जाने क्य़ों बुज़दिल कहे जाते हैं,
हम तो वो साहिल हैं जो,
तेज़ भाव के संग ही बहे जाते हैं,
...

दो घडी, बैठ, मेरे पास, मैं अकेला हूँ,
मेरे दर पे, बहुत है भीड़, तो भी तनहा हूँ,
ज़मी से आसमा तलक मैं, बस अकेला हूँ,
दिल की घहराइयों मैं भी, मैं तो तनहा हूँ,
...

ख़वाब जिन्दा अभी, जिन्दा हैं हम, ज़माने वालों,
फ़ना होना है तुम्हें, तो हो जाओ, ज़माने वालों,

हर तरफ़ जलवा है, अपना ही अपना, ज़माने वालों,
...

The Best Poem Of Nirvaan Babbar

Life Is Beautiful

LIFE IS BEAUTIFUL, AS ALWAYS IT IS,
LIFE DOES MAKE A LOT OF SENSE,
WE GET SORROWS ALL THE WAY,
TROUBLES ARE THERE TO HALT OUR WAY,
WE GET PROBLEMS EVERY WHERE,
ALL ARE REASONS FOR US TO PRAY,
LIFE SHOW US WAYS TO SMILE ALL THE WAY,

NIRVAAN BABBAR

All my poems & writing works are registered under
INDIAN COPYRIGHT ACT,1957 ©

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