sunil shukla Poems

Hit Title Date Added
1.
“मेरी रानी परी”

मैं देखा करता था, अपने सपनों में एक परी!

लगती थी वो मुझे, खूबसूरत बड़ी!
...

2.
***दुविधा***

ये सोच के हम निकले थे घर से, एक दिन वापस घर होंगे!
जब वापस हम आयेगे, दिन अपने भी सुंदर होंगे! !
...

कभी-कभी रोने को दिल करता है!
आंसू नहीं निकलते, लेकिन कलेज़ा ज़लता है! !

हालात से मज़बूर है, जिसपर बस नहीं चलता है,
...

4.
Sometimes Heart Cries

Sometimes heart cries!
Don't tear out, but heart cries! !

Is forced by circumstances, which just does not run,
...

5.
! ! आज के दानव! !

हमने सोचा हम मानव हैं, दानव सभी दिए हैं मार!

कभी न सोचा था, फिर होंगे कलयुगी दानव से दो-चार! !
...

6.
माटी के मकान

माटी के मकानों में लोग मस्त रहते थे, और माटी से जुड़े रहते थे

मन भी माटी से कोमल थे..
...

7.

तुम मेरे दिल में रहते हो
तस्वीरों का फिर क्या करना
जब आँखों में तुम बसते हो
फ़िर नूरे नज़र का क्या करना
...

Close
Error Success