Kezia Kezia Poems

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1.
ये वक़्त है साहब

ये वक़्त है साहब

हर क्षण बदलता रहता है
...

2.
She

She has a life like a candle
burning like a candle without thread
without flame
just melting
...

3.
Final Itinerary! ! !

Itinerary is too much crowded
Errant thoughts make it vulnerable
I wish to walk alone
Clumsy flowers on my deathbed smell badly
...

4.
कितनी परतें

कितनी परतें जिंदगी की

अभी बाकी है उधड़नी
...

5.
वसीयत

वसीयत लिख छोड़ी है,

सारे वादे तुम्हारे नाम कर दिए हैं।
...

6.
अकारण

धूमिल हो गई
चन्द्रमा की मुस्कान
अकारण ही
जब धरती ने कह दिया था
...

7.
बस ऐसे ही

सोचने बैठी तो पाया कि

बात तो बस इतनी सी थी
...

8.
ओ बरखा, तू बरसना

ना मेघों से बरसना

ना नभ से बरसना
...

9.
मेट्रो का लेडीज कोच

मेट्रो में सफ़र करते हुए

रोज़मर्रा की जद्दोजहद झेलते हुए
...

10.
विश्वास

एक दिन

मेरा अहम्,
...

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