Pulwama Attack Poem by Shashi Shekher Singh

Pulwama Attack

मानवता का गला घोंट कर,
कायरो ने किया है वार।
हे भारत के वीर सपूतों,
निकालो अपनी तलवार।
दिए मौके मित्रता की,
पर मारा खंजर बारम्बार।
लहूलुहान है ये धरती,
कर रही तुमसे बस यही पुकार।
गूंज उठे ये अम्बर सारा।
गूंज उठे पूरा संसार।
अब विनती न हो,
गिनती ना हो
ऐसा करो तुम नरसंहार।
गीदड़ों की झुंड में जाकर,
भरो शेरो की तुम हुंकार।
हे भारत के वीर सपूतों,
निकालो अपनी तलवार।

Pulwama Attack
Friday, February 15, 2019
Topic(s) of this poem: patriot
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Shashi Shekher Singh

Shashi Shekher Singh

Lakhisarai, Bihar
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