अपने आंगन में आजकल
फूल ज़रा कम खिलते हैं
परिन्दे कुछ कम चहकते हैं
आजकल चांद से चांदनी
ज़रा कम बरसती है
आजकल पत्तों पर बूँदें
जरा कम ठहरती हैं
आजकल हवा में मस्ती
ज़रा कम हो गयी है
आजकल तुलसी का पौधा भी
ज़रा उदास हो गया है
आजकल घर की दीवारें
ज़रा बेजान नजर आती हैं
मैं सोच मे डूब गया
तो पाया
अपने आंगन में आजकल
फूल ज़रा कम खिलते हैं
परिन्दे कुछ कम चहकते हैं
आजकल चांद से चांदनी
ज़रा कम बरसती है
आजकल पत्तों पर बूँदें
जरा कम ठहरती हैं
आजकल हवा में मस्ती
ज़रा कम हो गयी है
आजकल तुलसी का पौधा भी
ज़रा उदास हो गया है
आजकल घर की दीवारें
ज़रा बेजान नजर आती हैं
मैं सोच मे डूब गया
तो पाया
तुमने मुस्कुराना, जो
जरा कम कर दिया
तुमने मुस्कुराना,
जो जरा कम कर दिया
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem