मुझे तुम मार ही दो ना,
सब के सब ही अब मिलके,
फिर भी दिल ये धडकेगा तुम्हारा नाम ले ले के।
मुजको तेरी मुहब्बत ने कही का भी नही छोडा,
बददुवा भी निकलती है, फिर भी दुवा बनके।
जमाने से हो गया हूँ अब तो बेखबर ईतना,
की अपनो से भी मिलता हूँ
अब तो अजनबी बनकेँ।
बेवफा हो गया मुजसे ही मेरा दिल कमिना ये,
मुझे मजबुर करता है, उसीको याद कर कर के।
अ गोविन्द भूला देना वफा की झूँठी सब कसमे,
भला जीयेगा कैसे तू यूँही
घुट घुटके मर मर के।
G.N.M
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