जब से वो हमे चाहने लगी है, हद से भी ज्यादा शर्माने लगी है।
आती है मेरे सामने अब वो,
चहरे पे पल्लू गिराने लगी।
रहती है दूर शखियोँ से अपनी, अब वो उनसे भी कुछ तो छुपाने लगी है।
करने लगी है फिकर वो हमारी,
आँखोँ से सबकुछ समझाने लगी है।
लिख लिख के नाम हथेली पर मेरा,
वो चूम के उसको मुस्कुराने लगी है।
G.N.M
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