दिन ढलता रहा है, धीरे - धीरे,
अभी काम बहुत से, बाकी हैं,
जीवन पथ पे, चलने वाले,
श्वास अभी भी बाकी हैं,
चलना तो तेरा काम है पंथी,
राह अभी भी बाकी है,
झाँक ज़रा तू अपने अन्दर,
जान अभी भी बाकी है,
जो होना है, वो होना ही है,
डर ना ऐ, मतवाले तू,
हर मुश्किल को बहा तू लेजा,
तुझ मैं चंचलता, अभी भी बाकी है,
कष्ट तेरा हर इसी किनारे,
उस छोर नया सवेरा है,
जीवन का हर पल है तेरा,
अभी हर पल जीना बाकी है,
अभी नव संसार बसाना बाकी है,
अभी नव संसार बसाना बाकी है
निर्वान बब्बर
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vryyy nice............. nice one sir......