जीवन मरण Poem by Shobha Khare

जीवन मरण

हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ
घटता है यह हादसा, मित्र सभी के साथ
चाहे दुश्मन उम्र भर करता रहे उपाय
तेरा हक संसार मे, कोई छीन न पाय
टाइम टेबल खुदा का, बदल सके न कोय
चाहे जितने फोन कर, उसपे असर न होय II

Monday, January 12, 2015
Topic(s) of this poem: life
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