माहौल जिंदगी है; जरा प्यार करके देखो Poem by Dr. Ravipal Bharshankar

माहौल जिंदगी है; जरा प्यार करके देखो

एकबार जिंदगी पे, ऐतबार करके देखो
माहौल जिंदगी है, जरा प्यार करके देखो
||धृ||

दिल सोने की चिड़ीयाँ नहीं है, देख लो इस में दर्पण
धडकन धडकन खिलती है, तुम कर दो साँसे अर्पण
एकबार जिंदगी को, दिलदार करके देखो

एकबार जिंदगी पे, ऐतबार करके देखो
माहौल जिंदगी है, जरा प्यार करके देखो
||१||

जान आती है जाती लेकिन, देती अद्भूत दर्शन
यूंही नहीं है देवादी को, इतना चीर आकर्षण
एकबार जिंदगी पे, जान निसार करके देखो
माहौल जिंदगी है, जरा प्यार करके देखो

एकबार जिंदगी पे, ऐतबार करके देखो
माहौल जिंदगी है, जरा प्यार करके देखो
||२||

देर अबेर हुई तो क्या है, है तो अपनी जानम
दूर नहीं रह सकती, अगरचे मिलना चाहे बालम
एकबार जिंदगी का, इंतजार करके देखो
माहौल जिंदगी है, जरा प्यार करके देखो

एकबार जिंदगी पे, ऐतबार करके देखो
माहौल जिंदगी है, जरा प्यार करके देखो
||३||

Tuesday, December 30, 2014
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success