मै राजा तु राणी Poem by Dr. Ravipal Bharshankar

मै राजा तु राणी

मैं राजा, तु राणी
मैं तेरी दीवानी हूँ
राज में मेरे होगा वही
जो मैं कहूँ

कैसा रहेगा तुम्हारे लिए अगर
शीश महल बनवाऊँ
या फिर ऐसी जगह ले जाऊँ
जहाँ हर पत्थर हो नगीना
शाम जहाँ हो, जब मैं चाहूँ
राज में मेरे होगा वही
जो मैं कहूँ

क्या शीश महल, क्या ताजमहल
क्या माणिक और नगीना
तेरा प्यार ही अनमोल है
मेरे लिए सजना
ऐसी नगरी में ले जाओ
जहाँ प्यार ममता प्यास हो
और अमृतमय हो पाणी
राजा के जीग़र में प्रजा का हृदय
धनवान उसकी राणी
ऐसी नगरी में ले जाओ

तु राजा, मै राणी
मै तेरी दीवानी हूँ
राज में तेरे होगा वही
जो मैं कहूँ

रचनाकार/कवि~ डॉ. रविपाल भारशंकर
(९८९००५९५२१)

Tuesday, December 30, 2014
Topic(s) of this poem: love
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