जिंदगी की तरह मत ठुकराओ Poem by Kezia Kezia

जिंदगी की तरह मत ठुकराओ

Rating: 5.0

भागते भागते तुम तक आ पहुँचा हूँ

जिंदगी की तरह मत ठुकराओ

मौत बनकर हमेशा के लिये अपना लो

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Monday, May 22, 2017
Topic(s) of this poem: life
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 18 August 2020

ज़िंदगी से भाग कर व्यक्ति कहाँ जा सकता है. मौत अंतिम विकल्प है लेकिन उससे पहले कई चौराहे मिलेंगे. हो सकता है उनमे से कोई मार्ग ऐसा भी हो सकता है जो हमारे दिल की भाषा पढ़ कर हमें हमारे मिशन से मिला दे. आपका हार्दिक धन्यवाद इस छोटी किन्तु खुबसूरत कविता के लिये.

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