मेरी जिन्दगी..... Poem by Tarun Badghaiya

मेरी जिन्दगी.....

ऐ जो मेरी भीगी भीगी सी लिखावट है,
लगता है इसमें मेरे अश्को की मिलावट है।।

ऐ जिन्दगी,
बहुत दिन गुजर तुझे खुश देखे हुए,
सालों गुजर गए तुझे खुशी के सेज पर लेटे हुए ।।

कास भर पाता खुशी नामक स्याही तुझपे,
कास लिख पाता खुशी इस स्याही से,
अपनी इस जिन्दगी पे
कास भर पाता उमंग रस अपनी इस जिन्दगी में
कास बदल पाता दुख का हर लम्हा खुशी में

तो तू रंगीन हो जाती,
प्यार के मल्हार से और भी मस्त हो जाती

बस अब बहुत हुआ थोड़ा भी दे,
मुझसे अपना उदास होने का कसूर ही बता दे।।

बचपन में तो तू यूँ ना उदास थीं मुझसे मुझे ये ही बता अब क्यू हताश हैं मुझसे ।।

ऐ मेरी जिन्दगी मुझसे उदास क्यों है इतनी,
तू ज़रा बता दे मुझसे नाराज क्यों है इतनी।।

क्या साँसे रख दू गरवी अपनी किसी के हाथ,
शायद मुस्करा जिन्दगी कुछ पल मेरे साथ।।।।।।

✒तरूण बड़घैया 📖

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Its a story of my life
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