aaj ke is kalyug me
kaha hai gandhi ki toli?
saath me jise liye chalte
thi shanti hi gita ki hamjoli
...
hari - hari chhai hai...
hariyali kaha se aai hai?
basant ke mahine me...
ye raunak kisne lai hai?
...
main aur meri tanhaai
aksar saath rahate hai
jab bhi rahu akela main
wo bas yahi kahate hai
...
या मालिक कैसी है तेरी बंदगी,
मिली भी तो एक गरीब की जिंदगी.
कभी यहाँ रोटी नहीं मिलती,
...
आज के इस कलयुग में
कहा है गाँधी की टोली?
साथ में जिसे लिए चलते
थी शांति ही गीता की हमजोली
...
मैं और मेरी तन्हाई
अक्सर साथ रहते हैं
जब भी रहूँ अकेला मैं
वो बस यही कहते हैं
...
हरि हरि छाई है.........
हरियाली कहा से आई है?
बसंत के महीने में......
ये रौनक किसने ले है?
...