AVINASH PANDEY KHUSH Poems

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1.
Bharat Ki Gareebi

भारत की गरीबी
भारत की गरीबी को देख पछताता मन , हर रोज एक नये चेहरे दिखाता मन कोइ घर के परेसानियो से जूझता है , कोइ पेट भरने के दानो से जूझता है
आदमी बीमार और जेब फटेहाल है, सोने वाली चिडिया का यही बूरा हाल है
भारत का हाल तो एक नवजाल है, सोने वाली चिडिया का यही बूरा हाल है
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2.
Eitihasik Bhoolein

इतिहासिक भूले
इतिहास में जो हमने जो भूल किया है, कुर्सी के लिए उसको कबूल किया है
सन ४७ की भूल नहीं मुझको कबूल, सन ४७ की भूल नहीं मुझको कबूल
इससे बढ़ियाँ है फांसी पे झूल, इतिहास के ये भूल, ये इतिहास के है भूल
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3.
Mere Meet Suno Mere Geet Suno

मेरे मीत सुनो मेरे गीत सुनो, मेरे मीत सुनो मेरे गीत सुनो

मेरे मीत सुनो मेरे गीत सुनो, मेरे मीत सुनो मेरे गीत सुनो
संगीत सुनो रीति यह सुनो, कलयुग की गन्दी नीति सुनो
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4.
Bhrashtachar Par Prahar

भ्रष्टाचार पर प्रहार टूटते सपनो को फिर से हम सजायेंगे, एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे
ये तो एक फूल है ये फूल तो मुरझायेगा, बसंत आने के बाद हरियाली फिर से छायेगा |
भारत मे फिर से ईमान हम छायेंगे, बस उसी दिन से मुस्कान हम लायेंगे
टूटते सपनो को फिर से हम सजायेंगे, एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे
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5.
Andhera Kitana Bhee Ho Phir Bhee Muskarana Hai

अन्धेरा कितना भी हो फिर भी जगमगाना है
जिंदगी बोझ बनके उम्र भर जब रह जाये , आदमी इस तरह उलझे कि मौत तडपाये
भ्रष्टाचार जब सरकार कि गलियो मे फिरे, देश के नेता ही जब भ्रष्टाचारी हो जाये
हमसफर आधे रास्ते मे हाथ छोड दे जब , अपनें भी जब पराये जैसा हो जाये
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6.
Jindagee

जिंदगी
जिन्दगी मीली है जीने की लिए तो , जिन्दादिली दिखाओ तुम
और मौत मिली मरने के लिए तो, कोई कहानी दिखाओ तुम
मै कल चला जाऊंगा तो तुम क्या करोगे, मै याद बहुत आऊंगा तो तू क्या करेगा
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7.
Janaja

जनाजे कि शाम को भुलाया ना करिये
हाथ से दूर तकदीर नही होती, हर कॉच मे तस्वीर नही होती
दूनिया वाले कुछ भी कहे, मगर अपनो से जूदाई मे जंजीर होती है
जनाजे की शाम को भूलाया ना करिए, यू हर रोज आप मुस्कराया ना करिये
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8.
Achchhe Din Aa Gaye

अच्छे दिन आ गये, मोदी जी छा गये
ईंसानियत मे डूब कर फरिस्ता बन जाओ, दिल की गहराईओ से रिस्ता निभाओ
सिर्फ मंजिले पाना ही तुम्हारा लक्ष्य नही, पथ की खाईयो को भी हटाते जाओ
अच्छे दिन आ गये, मोदी जी छा गये, उजियारा छा गये अंधेरे को खा गये
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9.
Bharat Ke Veer

भारत के वीर
ईस भारत के वीर अनेको हमने ऐसे देखे है
प्राण गवॉ दी जिसने अपनी घुटने कभी ना टेके है
उस भारत के लाल है हम भी हमसे भी टकराना मत
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10.
Rishto Ki Dor

रिश्तो की डोर
इक दुनिया थी जब रिश्ता था, अब तो रिश्ता का पता नही
किस ओर चली और कहा गई, अब तो दुनिया बस किस्सा है ।
तब गैर भी अपने होते थे, जब पीड़ा हमको होती थी
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