Jindagee Poem by AVINASH PANDEY KHUSH

Jindagee

Rating: 5.0

जिंदगी
जिन्दगी मीली है जीने की लिए तो , जिन्दादिली दिखाओ तुम
और मौत मिली मरने के लिए तो, कोई कहानी दिखाओ तुम
मै कल चला जाऊंगा तो तुम क्या करोगे, मै याद बहुत आऊंगा तो तू क्या करेगा
जब तू याद आएगा तो मै क्या करूँगा, नवरात्र उत्सव में तेरे सब गीत सुना दूंगा
मेरी याद अमर हो जाये नवरात्र मना लेना, मै जग में ना रहू फिर भी विश्वास जगा लेना
कविता के सार द्वारा प्रसार कर देना, मै जग में ना रहू फिर भी विस्तार कर देना
मै कल चला जाऊंगा तो तुम क्या करोगे, मै याद बहुत आऊंगा तो तू क्या करेगा
जब तू याद आएगा तो मै क्या करूँगा, नवरात्र उत्सव में तेरे सब गीत सुना दूंगा
जाने से पहले सुन लो ओ मेरे प्यारे भाई, करता है क्यों गलतिया जो बाद में पछताय
जिंदगी है जिंदगानी चाहिए, मौत की बस एक कहानी चाहिए
गलतिया जो हमने की है अब तलक, अब नहीं गलती बढानी चाहिए
जिंदगी है जिंदगानी चाहिए, मौत की बस एक कहानी चाहिए
ये जो छह फूट का शरी बढ़ता हुआ, ये शरी घटता चला जलता हुआ
हमको या हमने जिन्हें पाला हुआ है, और अपने खून से ढाला हुआ है
उस शरी को हमने हाथो से जलाया, अपने रोते दिल को भी पत्थर बनाया
जिंदगी है जिंदगानी चाहिए , मौत की बस एक कहानी चाहिए
गिरते वक्त हमको जिन्होंने है उठाया, रुकते कदमो को मेरे जिसने बढाया
जिसने हमको दुख नहीं सहने दिया, चोट लगने पर भी ना रोने दिया
ऐसे मात पिता को क्यों तडपाते है , इससे पहले क्यों नहीं मर जाते है
जिंदगी है जिंदगानी चाहिए मौत की बस एक कहानी चाहिए
इसलिए कहता हू गलती मत करना, मात पितू को दुःख नहीं सहने देना
मात पिता के चरणों में ही रहना है, चरण में ही जिंदगी का गहना है
जिंदगी है जिंदगानी चाहिए मौत की बस एक कहानी चाहिए

Jindagee
Thursday, December 25, 2014
Topic(s) of this poem: love and pain
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
life to death of person
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AVINASH PANDEY KHUSH

AVINASH PANDEY KHUSH

20/10/1995 JAUNPUR U. P. BHARAT
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