प्यार ना रहे बटा
मेरा जीवन है दुःख का दरियां
फिर भी न रखु में उस से दूरियां
सुख दुःख तो आता जाता रहेगा
फिर भी जीवन चलता रहेगा।
भाइ, बंधु और माता पिता
सब का था में खूब चहेता
कभी मुझे गुस्से से कुछ ना कहा
मेरी हाँ मॅ हा ही चाहा।
ऐसा जीवन कैसे रहें अधुरा!
मुझे लगता है मधु से भरा
काम तो होंगा लगन से पूरा
फिर क्यों बटेगा ध्यान हमारा?
मेरा चयन होग़ा खुशियों के संग
में उस मे भर दूंगा मेघा का रंग
देखने जैसा होगा कुदरत का नजारा
में बजाऊंगा ओर नाचूंगा बन के बंजारा।
यही तो मकसद है निज जीवन का मेरा
रहेगा हरदम प्रेम से भरा
ना किसी से झगड़ा ओर टंटा
दूरियां ह्रट जाए ओर प्यार ना रहे बटा।
xSam Bajwa Waah! ! Bohat Khoobsurat [3 Unlike · Reply · 1 · 5 hrs 5 minutes ago
xwelcome Baban Avinash Pandey Unlike · Reply · 1 · Just now 7 minutes ago
welcome Megajibhai Dhameliya Unlike · Reply · 1 · 2 mins 2 hours
xOm Neerav शुभ प्रभात! कितना अच्छा लगता है जब हम अपनी प्रस्तुति पर यथासंभव बार-बार आते रहते है, आने वाली टिप्पणियों पर अपनी उदार प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहते है... और... दूसरे मित्रों की प्रस्तुतियों पर रचनानुकूल टिप्पणी कर उनका स्नेह प्राप्त करते हैं! है न! तो फिर आइए, हम इस आनंद से क्यों वंचित रहें! विनीत: कवितालोक। See Translation Unlike · Reply · 1 · 6 hrs 21 Jul
welcome naga bhanu vk Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome Mitali Trivedi Unlike · Reply · 1 · Just now 21 Jul
x welcome I Nhlakanipho Shange Unlike · Reply · 1 · 6 mins 21 Jul by hasmukh amathalal | Reply
xwelcome Kgomotso Kaylee Unlike · Reply · 1 · 7 mins 21 Jul
xOm Neerav शुभ प्रभात! कितना अच्छा लगता है जब हम अपनी प्रस्तुति पर यथासंभव बार-बार आते रहते है, आने वाली टिप्पणियों पर अपनी उदार प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहते है... और... दूसरे मित्रों की प्रस्तुतियों पर र
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यही तो मकसद है निज जीवन का मेरा रहेगा हरदम प्रेम से भरा ना किसी से झगड़ा ओर टंटा दूरियां ह्रट जाए ओर प्यार ना रहे बटा।