Ganatantra Diwas Poem by Rakesh Sinha

Ganatantra Diwas

आज गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर
आओ मिलकर करें उन वीर शहीदों को याद,
जिनकी कुरबानियों के दम पर हुआ ये देश आज़ाद |
२६ जनवरी १९५० को भारत का नया संविधान अस्तित्व में आया,
और भारत सही मायने में एक गणतंत्र कहलाया |
काम आया आखिर देशभक्तों का जुनून,
देश में लागू हुआ हमारा अपना कानून |
चारों ओर बिखरे खुशियों के रंग,
हर भारतवासी के दिल में छायी नई उमंग |
पर आज शायद हम एक खुशहाल भारत के सपने की राह से भटक गये हैं,
देशहित को भूलकर अपने-अपने स्वार्थ की दुनिया में अटक गये हैं |
भूख, गरीबी, बेबसी, बेकारी - हर ओर फैली है ये बीमारी |
जिन जवानों और किसानों के खून-पसीने से
बरसता है इस धरती पर नूर,
कयों आज हमारे आज़ाद भारत में
वही हैं आत्महत्या करने पर मजबूर?
आओ आज गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर,
हम उन वीर शहीदों के मकसद को दुहराएं
अपने दिलों में देशहित को निजहित से ऊपर बिठाएं,
सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से दें शहीदों को श्रद्धांजलि,
तभी आएगी आजाद भारत में सच्ची खुशहाली,
तभी आएगी आजाद भारत में सच्ची खुशहाली |
जय हिंद ||

Monday, January 12, 2015
Topic(s) of this poem: patriotism
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success