सिर्फ तुमसे! Poem by Dr. Ravipal Bharshankar

सिर्फ तुमसे!

प्यार करना गलत नहीं है
प्यार ना करना गलत है,
पुछों किससे!
..किससे?
खुदसे!
और उसकी एक याद,
मेरा पूरा दिन खूशबुदार हो जाता है,
पुछो किसकी!
..किसकी?
खुदकी!
और मै चाहता हूँ कि,
मै यूंही जिंदगीभर प्यार करता रहूँ,
पुछो किससे!
..खुदसे!
नहीं! सिर्फ तुमसे!

Tuesday, December 30, 2014
Topic(s) of this poem: love
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