इन आंखो के नूर से जो कहानी लिखी जाती है
प्यासे दरिया होते हैं लब्ज पानी होती है
मोहब्बत, वफादारी, दरियादिली, , सब साथ है
आज भी तुझ से बिछड़ने की वजह की तलाश है
उस सुराही को लौट आ जाना
समंदर को आज भी वह पानी याद है
डूबने की चाहत दिलों दिमाग पर होता है
हमें, तेरी आंखों का वह पानी याद है ||
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