क्या पीता हूँ मय मुझे पीती है
ये प्यास जब तक ना बुझे पीती है
अमी है ये ना आब ए ज़म ज़म साकी
फिर क्या वजह कि ये इतनी मीठी है
ज़ख्म कितने भी दिए जिंदगी ने
फकत इन्हें वक़्त की सुई सीती है
यारों उड़ाओ ना यूं मेरा मज़ाक
ये कोई फ़साना नहीं आप बीती है
महसूस कर तलब को तू ए हयात
बता मै तुझे या तू मुझे जीती है
अमी = Nectar
आब ए ज़म ज़म= water from sacred well in Mecca
हयात= Life
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