Alfaz Ajnabi

Alfaz Ajnabi Poems

ए दोस्त आ परवाने सा थोडा जल के देंखे! !
आज बस खुद को थोडा बदल के देंखे! !
अब छोडो रस्मो-रिवाज़ का अलाप भी तुम -
अरे कुछ दूर अपने कदमो पे चल के देंखे! !
...

आओ दिल से दिल मिला कर देंखे, रुखसारो को खिलने दें !
चलो चाँद को जमीं पर लायें और उन सितारों को खिलने दें!
तितलियों के पीछे भागे, भंवरों सा हम गुनगुनाये -
आओ सावन को बुला के लाये और बहारो को खिलने दें!
...

The Best Poem Of Alfaz Ajnabi

ए दोस्त

ए दोस्त आ परवाने सा थोडा जल के देंखे! !
आज बस खुद को थोडा बदल के देंखे! !
अब छोडो रस्मो-रिवाज़ का अलाप भी तुम -
अरे कुछ दूर अपने कदमो पे चल के देंखे! !
खूब सुने मोहब्बत के फ़साने अब तलक -
आज इस इश्क के दरिया से निकल के देंखे! !
यूँ ठहरे से समन्दर में कंकर मत मार अब -
आ थोडा सा हम भी तो आज मचल के देंखे! !
यूँ कब तक सहारा देंगे तुझे तेरे अपने - -
अपने मुक्कदर से अब तो संभल के देंखे! !
ख्वाबो को पंख यूँ ही नही लगते ए 'अजनबी'-
आ थाम मेरा हाथ थोडा सा अब उछल के देंखे! !

Alfaz Ajnabi Comments

Alfaz Ajnabi Popularity

Alfaz Ajnabi Popularity

Close
Error Success