ए दोस्त Poem by Alfaz Ajnabi

Alfaz Ajnabi

Alfaz Ajnabi

VPO. Banawali Teh/distt. Fatehabad (Haryana)

ए दोस्त

Rating: 5.0

ए दोस्त आ परवाने सा थोडा जल के देंखे! !
आज बस खुद को थोडा बदल के देंखे! !
अब छोडो रस्मो-रिवाज़ का अलाप भी तुम -
अरे कुछ दूर अपने कदमो पे चल के देंखे! !
खूब सुने मोहब्बत के फ़साने अब तलक -
आज इस इश्क के दरिया से निकल के देंखे! !
यूँ ठहरे से समन्दर में कंकर मत मार अब -
आ थोडा सा हम भी तो आज मचल के देंखे! !
यूँ कब तक सहारा देंगे तुझे तेरे अपने - -
अपने मुक्कदर से अब तो संभल के देंखे! !
ख्वाबो को पंख यूँ ही नही लगते ए 'अजनबी'-
आ थाम मेरा हाथ थोडा सा अब उछल के देंखे! !

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