आज़ादी कोई शब्द नही जो होठो से बयां हो जाए!
ये तो दिल की ख़ुशी है….. जो चेहरे पे नज़र आये! !
एक बच्चे की निश्छल मुस्कान, उसके चेहरे की चमक मे है आज़ादी! !
भिन भिन रंगो क़े साथ, इन्द्रधनुष जैसी एकता……. दर्शना है आज़ादी! !
बारिश मेँ पेड़ो के साथ नाचना……. पंख लगा के उड जाने की कल्पना करना है आज़ादी! !
किसी रंग मेँ नही, रूप में नही, भाषा में नहीं, अपनी नही………., किसी दूसरे के चेहरें पे मुस्कान लाना है आज़ादी! !
किसी और के जैसा नही ……. बस अपने जैसा होना है आज़ादी! !
खुद को जानना, खुद की खुद से पहचान कराना है आज़ादी! !
ना धर्म की, ना रंग की, ना बोली की,
बस दिल की आवाज़ को वास्तविकता में बदलना…… एक बदलाव है आज़ादी! !
बिना भय, ईर्ष्या, घमंड के….. अपनी ज़िंदगी के उदेशय की तरफ कदम बढ़ाना है आज़ादी! !
मेरी सोच शायद गलत हो किसी की नज़रों में,
पर मेरा… मेरी इस सोच को व्यक्त करना ही है आज़ादी! !
Neither it is religion, nor language, Making voice of the heart a reality for a good change is freedom. A lovely write.
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A refined poetic imagination, Shubham. You may like to read my poem, Love And Lust. Thank you.