पल, पल हर पल कभी भी स्थिर न रहने वाला
कभी पक्षी बन आकाश छू लेने चाहत 11
या फिर समुद्र जीव बन अन्य जीवो दोस्ती कर
समुद्र की गहराई को मापने की इच्छा 11
जीवन से भरपूर हर वस्तु को पाने के लिए आतूर
जैसे सब कुछ उसके द्वार पर खडा हुँआ सा हो 11
नादान इतना भी नही जानता उस जैसे असंख्य है
वे सब भी वही करते है जो वह खुद करता है 11
सपनों की दुनिया से बाहर आ, व्यावहारिक हो
यह सच है मन के हारे हार मन के जीते जीत 11
सपनों में वास्तविकता और कड़ी मेहनत का
मिश्रण कर ले जो चाह वो पा ले 11
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