नेता वादो की सीढी से
इतनी उपर चड जाते है
तो फिर आम नागरिक
भला केसे दिखाई दे 11
धनी विज्ञापन की सीढी से
और अधिक धनवान बन जाते है
तो फिर महगाई का अर्थ क्या जाने 11
चाटुकार व रिशवतखोर की सीढी
तो मेहनत का अस्तित्व ही मिटा देती है 11
खूबसूरती की सीढी का तो कहना ही
बिना किसी कोशिश के
हर चाहत सिर झुकाए खडी होती है 11
यह सीढी सही व गलत को नही देखती
नेतिकता इस सीढी से दूर भागती है 11
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