क्योंकर कल आयेगा Poem by Kezia Kezia

क्योंकर कल आयेगा

क्योंकर कल आयेगा
आज से बतियाने
आज तो भाग जायेगा
नये कल को लुभाने
नये साज़ो पर
नई धुनें बजाने
कल तो चला ही जायेगा
अपने आज को फिर से जगाने
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Friday, May 19, 2017
Topic(s) of this poem: time
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