## Jai Shree Krishna Hai Shree Radhe ## Poem by Kumar Sawariya

## Jai Shree Krishna Hai Shree Radhe ##

Rating: 5.0

## जय shree krishna जय shree राधे। ##


जय shree krishna जय shree राधे।
बोल तोड़ रहे है सब बादे।

चुनाव थे जब कुछ दिन पहले।
किया सहन सब कोई कुछ भी कहले।
नही कोई दहला सब थे नहले।
अब है सब नहले पे दहले।
जब हाथ जोड़कर वोट मागते।
लगते थे सब सीधे साधे।
किये कभी थे बड़े बड़े वादे,
अब नहीं याद उनको वो आधे।
जय shree krishna जय shree राधे ।
बोल तोड़ रहे है सब वादे ।

कोई कह रहा था पानी देगे।
कोई कह रहा था बिजली देगे।
शिक्षा और सुरक्षा देंगे ।
रहने को घर अच्छा देगे।
जब उनको ये सब याद दिलाये,
कहते है थे चुनावी बादे।
हमको ही नहीं मिल रहा कुछ भी,
अब तुम ही बताओ तुमको क्या दे।
जय shree krishna जय shree राधे ।
बोल तोड रहे है सब बादे।

कभी हाथ जोडे थे आगे ।
वो हाथ जोड निकले आगे ।
पहले थे सोये अब हम जागे।
वो मिले हमें थी जो मागे।
कोई क्या तोडेगा हमको अब,
हम नहीं कोई कच्चे धागे ।
वो हम ही थे जिनके कारण,
वो बने वजीर जो थे प्यादे।
जय shree krishna जय shree राधे ।
बोल तोड रहे है सब वादे ।
वो लाकर हमको क्या देंगे जो,
मिल बाँट खा रहे हैं आधे आधे।

जय shree krishna जय shree राधे ।
बोल तोड़ रहें है सब वादे ।

By- कुमार साबरिया
8058606438

## Jai Shree Krishna Hai Shree Radhe ##
Friday, May 27, 2016
Topic(s) of this poem: political
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
1 / 2
Kumar Sawariya

Kumar Sawariya

hindaun city
Close
Error Success