अपना होंसला
ये थोड़ी ज्यादती होगी
हमारी बढ़ती आकांक्षाए होगी
हम जरूर ऊपर उठना चाहेंगे
और सबको अपना हिस्सा दिलवाएंगे।
हमने क्यों किसी को नचवाना?
क्यों ना ख़ुशी से खुद ही नाचना'?
सब को सम्मलित करना
और अपनी बात समझाना।
राहें थोड़ा सा मोड़ बदलवा सकती है
अपने हाजिर होने का दावा कर सकती है
थोड़ा सी मुश्केली का इजहार करवा सकती है
समय आने पार अपनी हठ को मनवा सकती है।
फिर भी हमारा एक एलान होगा
सब का यहाँ सन्मान होगा
हर एक को मौक़ा प्रदान किया जाएगा
सब देखेंगे संसार का क्या मतलब रहेगा।
हम सब का मकसद एक
रहना साथ में और सोचना भी नेक
नहीं छोड़ेंगे अपनी जीद सब को साथ रखने की
सब को ये बात बताने की और अपना होंसला बढ़ाने की।
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हम सब का मकसद एक रहना साथ में और सोचना भी नेक नहीं छोड़ेंगे अपनी जीद सब को साथ रखने की सब को ये बात बताने की और अपना होंसला बढ़ाने की।