कर्म Poem by Ajay Srivastava

कर्म

बनाने वाला भी वही ।
सदमार्ग दिखाने वाला भी वही ।
नजारा दिखाने वाला भी वही ।

हम तो केवल कर्म करने वाले है ।
जब जब दिल से याद करोगे
वह अपना चमत्कार दिखायेगे ।

ईश्वर के नाम अनेक यह
आपका विश्वास है की
आप उसको किस नाम से याद करते हो ।

Saturday, April 25, 2015
Topic(s) of this poem: act
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