वही है Poem by Ajay Srivastava

वही है

कण कण मे वही है
यहाँ वहाँ उसकी ही खुशबु है
थोडा अपने दिल को साफ करके देख
सब जगह वही नजर ना आए तो कहना 11

अगर पाना है उसको
तो उसकी बनाई हर
रचना को अपना कर के देख
तुझे आत्मय सुख ना मिले तो कहना 11

इस भक्ति का यही है रास्ता
तुम मे मुझ मे और सब मे वही है
उसकी खुशबु सब जगह मिलेगी
एक बार भक्ति की इस राह पर चलके देख
परमआनंद ना मिले तो कहना 11

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