देश भक्ती कविता Poem by Shabab Anjum

देश भक्ती कविता

अशफाक-बिस्मिल हम भूल गये,
क्योंकि हो गये हम हिन्दु-मुस्लमान।
बापु(गांधी) को हम भूल गये,
क्योंकि बन गये हम सबसे महान।
भगत सिंह को हम भूल गये,
क्योंकि त्याग दिया हमने बलिदान।
बाबा साहब को हम भूल गये,
क्योंकि जला दिया हमने संविधान।
रानी बाई को हम भूल गये,
क्योंकि कायर हो गया इंसान।
आज़ाद को हम भूल गये
क्योंकि सबसे प्यारी अपनी जान।
जौहर को भी हम भूल गये,
क्योंकि बदल रहा है हिंदुस्तान।
हिंदी को भी हम भूल गये,
क्योंकि भूल गये अपनी पहचान।
अंग्रेज़ी सारी हमको याद है,
क्योंकि आज भी हैं हम गुलाम।

Friday, January 13, 2017
Topic(s) of this poem: aspiration
COMMENTS OF THE POEM
Yolandey Share 24 March 2017

Hi I wish I could read your work but I can't seem to understand it but I am sure that is beautiful thanx for the comment on my poem mothers are dear and true

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