हे वायुदेव! Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

हे वायुदेव!

हे वायुदेव!
पधारें आप,
सुन मेरी विनम्र प्रार्थना,
विराजें यज्ञ-स्थल पर,
स्वीकार करें अर्चना,
सोमरस सेवा में प्रस्तुत,
आप करें रसपान,
करुणा करें, हे देव!
'नवीन'करें कृपा का दान।

Thursday, January 31, 2019
Topic(s) of this poem: religious
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