Dr. Navin Kumar Upadhyay Poems

Hit Title Date Added
1.
हम किसी के भी अपने बन

2.
लाख समझाया अपने मन को,

लाख समझाया अपने मन को, भूलने की राह न तकते हैं,
हजार बार बताया नजरों को, तेरी दर से न तनिक हटते हैं,
कई बार बताया जुबान को, लेकिन तेरा ही नाम लेते हैं,
अपने जादू का बता दो इल्म, क्यों हम तुम पर ही मरते हैं।
...

3.
यही तो मेरा प्यार

4.
सिर पीटने लगे

5.
हम तो चौबीसो घँटे

6.
सोचा था, प्यार न

7.
हे भगवान भास्कर,

9.
शाँति-सुख वैभव-प्रदायी

शाँति-सुख वैभव-प्रदायी हे देव रवि! सँकल्प बना दें दृढ़ निश्चयकर,
आत्म-प्राण शक्ति परिपूण^ बने, सब बिधि हो मँगलमय हितकर।
तन-मन-वचन सहित हम करते, आप श्रीगुरुदेव में समर्पण,
स्वीकार करें मुझे हे देव भास्कर! चाहता 'नवीन' आप श्रीगुरु चरण शरण।।
...

10.
हम करते प्रणाम

Close
Error Success