लोकतंत्र है Poem by Ajay Srivastava

लोकतंत्र है

इंसानियत का प्रदर्शन करंगे|

कोर्ध पर नियंत्रण रखेंगे|

शांति के साथ रहेंगे|

मिलजुल कर समस्याओं का सामना करंगे|

नियमो का पालन जरूर करेंगे|

एक दूसरे की भावनाओ का मान रखेंगे |

जलन को त्याग कर सुधार का प्रयास करेंगे|

प्रगति की राह चलने की कोशिश करेंगे|

यह सब कुछ नहीं तो

सबको प्रेरित करने का कर्म करेंगे |

हर कोई एक को चुनने की क्षमता रखता है|

क्यों की यह लोकतंत्र है|

लोकतंत्र है
Wednesday, December 16, 2015
Topic(s) of this poem: democracy
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