महान देश है भारत अपना
इसकी समृद्धि में हमको जुटाना, महान देश...
गंगा यमुना बहती अविरल
कृष्णा कौवेरी की कल कल
हिमालय प्रहरी सा खड़ा है
कांचंचुन्गा मस्तक जड़ा है
वन कानन मरू पत्थर सिंधु सब
प्रकृति की हैं सुन्दर रचना, महान देश...
मेहनतकश लोगों के श्रम से
प्रगति पथ की ओर बढे
कृषि और उद्योग क्षेत्र में
उन्नति का सोपान चढ़े
सीखा नहीं जिन्होेंने
कहीं और कभी भी रुकना, महान देश...
संस्कृति, इतिहास, धर्म, हमारे
विरासत में मिले वेद पुराण
भाषा, संगीत और कला सब
हैं ज्ञान विज्ञानं की खान
नहीं हुई है लब्धि सहज ही
निपुड़ता में पड़ा है साधना, महान देश...
नित निरंतर निर्माड प्रगति पर
जुटे हुए कर्मठ वीर विद्वान
रन बाँकुरे राष्ट्र रक्षा में
हथेली पर रख चलते, प्राण
प्रण हो अपनी भब्यता सभ्यता
चिरंतन हमें बचाये रखना, महान देश...
यहाँ की माटी, अपनी धाती
भूख मिटाती, बिखेरती मुस्कान
नन्हों को प्यार, वृद्धों को आदर
चहकते विहंग, महकते विहान
धरा का स्वर्ग यहीं पर स्थित
चाह हमारी गोद में बसना, महान देश...
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