मेरी जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है Poem by Ajit Singh Negi

मेरी जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है

मेरी जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है
है मोहब्बत एक और वो किसी और की दीवानी है

जम चूका है लहू
और अश्को में पानी है
मर गए है अंदर ही अंदर
और कहने को जवानी है

मेरी जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है
है मोहब्बत एक और वो किसी और की दीवानी है

डरता हो खामोशियो से
और तन्हाइयो में रात बितानी है
खोया हु भीड़ में कही
और मंजिल भी पानी है

मेरी जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है
है मोहब्बत एक और वो किसी और की दीवानी है

तड़पा हु जिसके दीदार में मै मुद्दतो
बस उसकी एक झलक पानी है
भूले कुछ लम्हों की उनको
फिर से याद दिलानी है
बेइंतहा इस दर्द से मुझे
अब निजाद पानी है
नहीं देना तकलीफ जुबा को अपनी अब
खामोश रह के बात सबको समझनी है

मेरी जिंदगी की बस इतनी सी कहानी है
है मोहब्बत एक और वो किसी और की दीवानी है

Monday, January 5, 2015
Topic(s) of this poem: Sad love
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