जिस देश में गंगा बहती है Poem by Harshpreet Kaur Kathuria

जिस देश में गंगा बहती है

जिस देश में गंगा बहती है,
उस देश की नारी क्यों रोती रहती है?
जिस देश में गंगा बहती है ।।

जिस देश में देवी बस्ती है,
उस देश में क्यों नहीं नारी कोई हस्ती है?
जिस देश में देवी बस्ती हैं ।।

जिस देश में रानी जंग लड़ती है,
उस देश में बेटी क्यों जन्म से पहले ही मरती है?
जिस देश में रानी जंग लड़ती है ।।

जिस देश की लड़की चांद पर जाती है,
उस देश की बेटी क्यों नहीं पढ़ पाती है?
जिस देश की लड़की चांद पर जाती है ।।

जिस देश की नारी दुनिया भर में नाम कमाती है,
उस देश की औरत फिर क्यों पर्दे में छिपी रह जाती है?
जिस देश की नारी दुनिया भर में नाम कमाती है ।।

जिस देश की औरत लक्ष्मी है ।
उस देश में क्यों नारी की इज्जत सड़कों पर नहीं बचती है?
जिस देश की औरत लक्ष्मी है ।।

जिस देश में औरतों की इज्जत पीछे युद्ध हुए हैं,
उस देश में क्यों औरत के दोषी छूटे हुए हैं?
जिस देश में औरतों की इज्जत पीछे युद्ध हुए हैं ।।

जिस देश की बेटी विश्व सुंदरी कहलाती है,
उस देश की बेटी क्यों तेज़ाब का शिकार हो जाती है?
जिस देश की बेटी विश्व सुंदरी कहलाती है ।।

Saturday, July 7, 2018
Topic(s) of this poem: women
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
India has been rated to be one of the most dangerous countries for women. The poem cherishes the achievements of various Indian women and shames upon various crimes and problems that still indian women have to face.
COMMENTS OF THE POEM
Hardeep Singh Dhillon 07 August 2019

very nice theme, i must say this is very well written poem. Great!

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Harshpreet Kaur Kathuria

Harshpreet Kaur Kathuria

India, Chandigarh
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