क्या है पराजय Poem by Akash Tripathi

क्या है पराजय

कुछ परिणाम आये, प्रतिकूल से
हताशा और निराशा लिए
थका रहे थे
गिरा रहे थे

मैं थका भी
मैं गिरा भी
पर वो नहीं किया जो वो चाहते थे
मैं रुका नहीं

तो मैंने पूछा खुद से ही
की क्या है पराजय
क्या ये कोई पैमाना है
या दस्तखत
जो लग गयी तो तुम रुक गए

तो मैंने बोला खुद से ही
की
ये सिर्फ मृग-तृष्णा है
असल में
जो है ही नहीं

Wednesday, August 30, 2017
Topic(s) of this poem: introspection
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