०० राग: दीपक ०० Poem by Chaitanya Kanherikar

०० राग: दीपक ००

०० राग: दीपक ००
०० ठाट: पूर्वी
०० रचनाकार: चैतन्य कन्हेरीकर
०० अस्थाई:
०० नवरतन दरबार करत इंतज़ार!
०० तरसें है अकबर मन में छुपाये डर! !
०० सुर अति लाsगत शमा जलें चहूँ ओर! ! !
०० अंतरा:
०० दीपक गावता मियाँ जलें तरपत!
०० सुध बिसराई तानसेंन को दुवा करत! !
०० उजाले घर घर में, झगमग दीप त्यौहार! ! !
०० सरगम / नोटेशन:
०० ख्याल: छोटा, ताल: त्रिताल (मध्यलय) रे, ध, कोमल
०० अस्थाई:
००! सां प ग प! ग सा रे_सा! - सा प ग! प ग रे_सा-!
००! न व र त! न द र बा! s र क र! त इं त ज़ार!
०० + * * * २ * * * ० * * * ३ * * *
००! सा रे_सा ग! सा ग प प! मे ध_मेsग! मे ग रे_सा!
००! त र से है! अ क ब र! म न मेsछु! पा ये ड र!
०० + * * * २ * * * ० * * * ३ * * *
००! सां सां रें_सां! ग मे ध_प! प ग प ग! रे_रे_सा सा!
००! सु र अ ति! ला s ग त! श मा ज ले! च हूँ ओ र!
०० + * * * २ * * * ० * * * ३ * * *
०० अन्तरा:
००! ग - मे ध_! मे ध_ प प! सां - सां सां! नि सां रें_सां!
००! दी s प क! गा s व त! मि याँ ज लें! त र प त!
०० + * * * २ * * * ० * * * ३ * * *
००! प प ध
_ प! प मे मे ग! मे ध_प ध_! सां सां रें_सां!
००! सु ध बि स! रा ई ता न! सें न को दु! वा क र त!
०० + * * * २ * * * ० * * * ३ * * *
००! नि रें_सां गं! रें_ में गं रें_! मेंगं में गं गं! रें_ रें_ सां सां!
००! ऊ जा ले घ! र घ र में! झग म ग दी! प त्यौ हा र!
०० + * * * २ * * * ० * * * ३ * * *
००रचयिता - चैतन्य कन्हेरीकर दि.२०फेब्रु२०१७
००
** ** ** ** **! ! शुभं-भवतु! ! ** ** ** **

Monday, February 27, 2017
Topic(s) of this poem: classic
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दीप रागात बद्ध छोटा ख्याल
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