गया प्रसाद आनन्द(आनन्द गोण्डवी) की कविता हम सबकी पहचान है हिन्दी Poem by Gaya Prasad Anand

गया प्रसाद आनन्द(आनन्द गोण्डवी) की कविता हम सबकी पहचान है हिन्दी

हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई
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हम सबकी पहचान है हिन्दी,
होठों की मुस्कान है हिन्दी ।
हम सबकी यह मीठी बोली,
पूरा हिन्दुस्तान है हिन्दी ॥

बांग्लादेश, नेपाल बोलता,
भारत की पहचान है हिन्दी ।
यमन, चीन, जापान बोलता,
अपनी तो मेहमान है हिन्दी ॥

नानक, कबीर, तुलसी की वाणी,
रहीम की जुबान है हिन्दी ।
गीत, कथा, कहानी, कविता,
साहित्य जगत की आन है हिन्दी ॥

भारत की यह अपनी भाषा,
गीता और कुरान है हिन्दी ।
हिन्दू -मुस्लिम- सिक्ख -ईसाई,
हम सबकी तो जान है हिन्दी ॥

हम सबकी यह मीठी बोली,
पूरा हिन्दुस्तान है हिन्दी ॥

- स्वरचित -
गया प्रसाद आनन्द "आनन्द गोण्डवी "
मो.९९१९०६०१७०

Sunday, September 22, 2019
Topic(s) of this poem: love and life
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Art is life, Life is a Art.
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