अनुपालन Poem by Ajay Srivastava

अनुपालन

भाव का अर्थ समझना है।
प्रयास है अनुपालन का
सभी का नहीं तो
किसी एक तो आत्मसात कर ले।

समय का सदुपयोग करना है।
सबके व्यस्त जीवन में
अपने भाव पर ध्यान दिलाना है।
किसी एक पर अनुपालन करवाना है।

किसी असहाय की आखो के आसु को रोक लेने का प्रयास है।
कुछ वादा तो करो सभी का नहीं तो किसी एक।
आर्थिक व् सामाजिक विसंगति का विरोध करने का।
शक्ति है तो छेड़ दो, ललकार दो समस्त समाज के सामने।
बड़ा हो छोटा अनन्याय का विरोध होना चाहिय।
छोटा विरोध ही पल में बड़े विरोध का एहसास करा देगा।

अनुपालन
Thursday, November 19, 2015
Topic(s) of this poem: progress
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