Ye Awaj (Hindi) ये आवाज Poem by S.D. TIWARI

Ye Awaj (Hindi) ये आवाज

जायेगी ये आवाज, दुनिया से, गजब होयेगा।
तुमने गाया इतना, जब जाओगे, जग रोयेगा।
तुम तो होगे मगन, उस जहां में, बाबुल के घर
लिए तुम्हारी यहीं, ये आवाज, जग संजोएगा।
होगी न पैदा फिर से, एक कोई, आवाज नयी
नये गीत कभी, न फिर ऐसा, कोई पिरोयेगा।
रोओगे तुम भी, देख अपने, चाहने वालों को
मेघों के साथ गिरा, जहां को, आंसू भिगोएगा।
गुनगुनाओगे जब, वहां पर, कोई गीत तुम
हवाओं से सुन के, यहाँ, जहां मगन होयेगा।
हम तो रोएंगे ही, आवाज से, युदा हो कर एसडी
तुम्हारी याद में ये, रेडियो भी, बड़ा रोयेगा।

एस० डी० तिवारी

Monday, April 11, 2016
Topic(s) of this poem: hindi
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