Tumhari Awaj (Hindi) तुम्हारी आवाज Poem by S.D. TIWARI

Tumhari Awaj (Hindi) तुम्हारी आवाज

तुम्हारी आवाज

जायेगी ये आवाज, दुनिया से, गजब होयेगा।
तुमने गाया इतना, जब जाओगे, जग रोयेगा।
होगे तुम तो मगन, उस जहां में, बाबुल के घर
तुम्हारी आवाज लिए, यहाँ पर जग संजोएगा।
होगी न पैदा फिर से, कोई एक आवाज नयी
कोई न गीत ऐसा, फिर नये कभी पिरोयेगा।
रोओगे तुम भी देख, अपने चाहने वालों को
बादलों से गिरा आंसू, जहां को भिगोएगा।
गुनगुनाओगे वहां पर, तुम कोई गीत जब जब,
हवाओं से सुन के यहाँ, जहां मगन होयेगा।
हम तो रोएंगे ही, आवाज से युदा होके देव,
तुम्हारी याद में ये, रेडियो भी बड़ा रोयेगा।

एस० डी० तिवारी

Monday, June 6, 2016
Topic(s) of this poem: hindi,personification
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