दिया हम सब ने , है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।
आज घिरे हैं नफरत से हम
ख़तरे में है जान ।
घर की नारी ख़ुद बे घर है,
भटक रहा शैतान ।
चीख़ रही है शिक्षा दीक्षा,
तड़प रहा विद्वान ।
दिया हम सब ने है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।
देश की जनता देख रही है,
है बदहाल किसान ।
लहू से जिसने की है मुहब्बत,
है दानव इंसान ।
दिया हम सब ने है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।
नेता देश को तोड़ने वाला ।
ज़ालिम है , बेईमान ।
है मासूम गरीब का बेटा,
लगा दिया इल्ज़ाम ।
हिम्मत है बस सच लिखने की,
है रब का एहसान ।
दिया हम सब ने है बलिदान ।
बना तब जा के हिन्दुस्तान ।
रचना &लेख: -अंजुम फिरदौसी
Anjum Firdausi
Block: -AliNagar, Darbhanga, Bihar
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