Hindi Haiku Life Poem by S.D. TIWARI

Hindi Haiku Life

छोटा जीवन

सपने बड़े बड़े

कैसे पूरे हों

छोटा सपना

जीवन की लम्बाई

बड़ी हो जाती

वृक्ष दे जाता

जीते जी फल फूल

मरे लकड़ी

तुम्हारी मस्ती

जलाये जा रही है

तुम्हारी बस्ती

पुष्प गुलाब

सिर से कट कर

सिर पर ही

तीव्र विकास

जीवन की समाप्ति

तीव्र गति से

वृक्ष दे देते

जीते जी फल फूल

मरे लकड़ी

लिए जा रही

कंकड़ों की सड़क

कंकड़ों में ही


बड़ा पंडाल

कोने में छोटा तम्बू

नशे में डूबा

महानगर

जमीन भरी भरी

नभ में घर

पैसे देकर

घर के दायें बाएं

स्पीड ब्रेकर

खुला पड़ा है

बोतल का ढक्कन

हवा पी रही

बड़ी जगह

बड़े लोग घुसते

छोटे गेट से

इंतजार में

नाले का खुला मुह

दुर्घटना के

और लोग भी

बीच में जग जाएँ

बूढ़ों की खांसी

कीट नाशक

छिड़काव के बाद

झूमते कीट

नाक दबाये

बगल से निकले

कचरा घर

रूला भी देती

अपने हत्यारे को

कटती प्याज

कैंसे आ जाते

उनके हाइकू में

मेरे विचार

चोट लगे तो

टूटती हड्डियां हैं

लोहा खून में


प्रातःकी बेला

बच्चों की पीठ पर

बस्ते का बोझ

भोर होते ही

गाय रम्भाने लगी

दूध तैयार

प्रातः सुदूर

ऊपर को उठता

आग का गोला

आज सुबह

सूरज नहीं उगा

घने बादल

खिलखिलाते

गुड़हल के फूल

किरणे देख

होते सवेरा

पक्षी भी उड़ चले

छोड़ बसेरा


एक उंगली

सामने की और तो

तीन अपनी



उंगली

सामने की और तो

तीन अपनी


जिसकी चाह

सबसे न्यूनतम

बड़ा वही है


मरू के जैसा

विरहन का मन

जल की प्यास

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