मीडिया Poem by Priyanka Gupta

मीडिया

Rating: 3.5

मीडिया माध्यम भी है
और मज़ेदार भी
दिखता ये समाज का आइना
तो देता हंसी की फुहार भी

पूरी दुनिआ है आज
इस माध्यम से जुडी
कहाँ क्या घाट रहा
कहाँ क्या हलचल है हो रही

हमें करवाता ये दुनिया से रूबरू
जनता चाहती वही है जानना
जो हो रहा हूबहू

मोहताज नहीं आज मीडिया
किसी एक भाषा या प्रान्त का
पहुँच रहा हर घर में
कर रहा संचार ज्ञान का

Monday, September 22, 2014
Topic(s) of this poem: social media
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success