अभी तुम बैठ जाओ ना!
बोहत सी बात बाकी है
मेरे हलात बाकी है
अभी जज्बात बाकी है
सुनो!
अभी तुम बैठ जाओ ना!
बोहत सी बात बाकी है
तुम क्यूं साता-ते हो!
मुझे कितना रूला-ते हो!
मुझे तुम से मोहब्त है!
मुझे क्यों आजमते हो?
अभी तुम बैठ जाओ ना!
बोहत सी बात बाकी है
तुम ही को याद करते हैं
तुम्हें को प्यार करते हैं
मेरी तो जिंदगी तुम हो!
ये बात क्यूं ना समाजपते हो?
अभी तुम बैठ जाओ ना!
बोहत सी बात बाकी है
मेरी तो हर खुशी तुम से
मेरी तो जिंदगी तुम से
मेरी हर आरज़ू तुम से
मुझे तुम क्यों बताते हो.
अभी तुम बैठ जाओ ना!
बोहत सी बात बाकी है
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