वो अकेला है Poem by Sumit Ojha

वो अकेला है

कोई इस पर न फ़क़्र करे की

वो अकेला है

कोई इस बात पर घमंड करता है की

प्यार साथ है

कही कोई बात हुई है ये चर्चा है

बाजारो मैं

वो प्यार सच्चा नहीं बस एक

सौदा है

आज बुनियाद ही क्या जाने

जज्बातो को

क्यों नहीं पूछा उस इंसान से की

वो अकेला है

वो अकेला है
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Sumit Ojha

Sumit Ojha

Ahmedabad
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