पुराने घर ने फिर याद किया है
मेरे सपनों को आबाद किया है
कभी छोड़ा था किसी बात पर
आज लौट रहा हुँ उसी राह पर
बहुत यादें बसी है पुराने घर में
खजूर का पेड़ भी है उस घर में
हरी हरी घास का आंगन भी है
वहाँकान्हाँ का मन्दिरभीहै
भौर में पक्षी गीत गाते है वहाँ
हवा में लहराते पेड़ भी है वहाँ
बड़ा सुंदर सुखद नजारा है
पुराने घर ने फिर पुकारा है
राज स्वामी
यह एक बेहतरीन नज़्म है जिसमे बहुत सी पुरानी यादों को संजोया गया है. धन्यवाद, राज.
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I am all for houses. And I am definitely for OLD. Old is much much better. Keep writing, dear.
Thank you so much Old is gold